वैज्ञानिक प्रबंध विचारधारा

वैज्ञानिक प्रबन्ध आन्दोलन को द्वितीय औद्योगिक क्रांति के नाम से जाना जाता है। इसके जन्मदाता एवं प्रवर्तक फ्रेडरिक विंसलो टेलर थे।
टेलर की प्रसिद्ध पुस्तक वैज्ञानिक प्रबंध का सिद्धांत (The Principle of the Scientific Management) 1911 में प्रकाशित ​हुई।

वैज्ञानिक प्रबंध विचारधारा संगठन के संबंध में प्रथम व्यवस्थित विचारधारा है। यह विचारधारा सामाजिक, राजनीतिक या आर्थिक जीवन से संबंधित विश्वासों का प्रतिमान है।
प्रबंध की वैज्ञानिक विधि, जिससे साधनों का उत्कृष्ट समन्वय करके कम से कम लागत पर अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जाता है, वैज्ञानिक प्रबंध कहलाता है।
वैज्ञानिक प्रबंध शब्द का सबसे पहले प्रयोग 1910 ईस्वी में लुई डी. ब्रेंडिस द्वारा किया गया।
वैज्ञानिक प्रबंधन के विकास में योगदान देने के कारण हेनरी फेयोल को “प्रबंधन प्रक्रिया पंथ का संस्थापक” एवं टेलर को “वैज्ञानिक प्रबंध का पितामह” कहा जाता है।
वैज्ञानिक प्रबन्ध, प्रबन्ध समस्याओं के हल का वैज्ञानिक दृष्टिकोण है जो कि वैज्ञानिक अनुसंधान, विश्लेषण, नियम, सिद्धान्तों एवं परिणामों पर आधारित है। इसका प्रमुख उद्देश्य न्यूनतम लागत पर अधिकतम लाभों को प्राप्त करना होता है।
टेलर ने वैज्ञानिक प्रबन्ध के पांच सिद्धान्त बताये: विज्ञान का विकास, संघर्ष के स्थान पर मैत्री, व्यक्तिवाद के स्थान पर सहकारिता, सीमित उत्पादन के स्थान पर अधिकतम उत्पादन एवं प्रत्येक व्यक्ति का अधिकतम विकास।
मानसिक क्रान्ति को वैज्ञानिक प्रबन्ध की आत्मा व सार कहा जाता है जो टेलर के मौलिक विचार थे। यही वह दिशा है जो श्रमिक व प्रबन्ध दोनों पक्षों के मानसिक प्रवृत्तियों में पूर्ण परिर्वतन, संघर्ष के स्थान पर शान्ति भाईचारे व सहयोग पैदा करता है जिससे दोनों पक्षों के लाभ में बढ़ोतरी होती है।
मानकीकरण (प्रमापीकरण) प्रत्येक कार्य के प्रमाप निर्धारित कर दिए जाने तथा यंत्रों और सामग्री का वैज्ञानिक आधार पर चयन से न्यूनतम लागत पर अधिकतम उत्पादन संभव है।
टेलर के प्रमुख सहयोगी हेनरी गेंट, फ्रेंक एवंं लिलियन गिलब्रेथ थे।
टेलर के प्रमुख आलोचक प्रो. रॉबर्ट हॉक्सी, सैम लेविसोम, ओलिवर शेल्डन, मैरी पार्कर फोलेट, एल्टन मेयो एवं पीटर ड्रकर आदि है।
हेनरी फेयोल ने औद्योगिक संस्थानों की समस्त गतिविधियों को 6 भागों में विभाजित किया जो कि इस प्रकार है- तकनीकी, वाणिज्यिक, वित्तीय, सुरक्षा, लेखा एवं प्रबंधकीय गतिविधियां आदि।

फेयोल ने प्रशासन की पांच तत्व बतलाए हैं– योजना संगठन आदेश समन्वय एवं नियंत्रण।
फेयोल ने संगठन के 14 सिद्धांतों का विश्लेषण किया है जैसे- कार्य विभाजन, अधिकार और जिम्मेदारी, अनुशासन, आदेश की एकता, निर्देश की एकता, व्यक्तिगत हित सामान्य हित से गौण, पारिश्रमिक, केंद्रीयकरण, पदसोपान व्यवस्था, समानता, कार्यकाल का स्थायित्व, पहल, एकत्व की भावना आदि।

फेयोल ने प्रबंधकों के 6 गुण बतलाए हैं—
शारीरिक, मा​नसिक, नैतिक, सामान्य शिक्षा, विशेष ज्ञान एवं अनुभव।
हेनरी फेयोल आदेश की एकता के सिद्धांत का प्रबल समर्थक था। उन्होंने इस सिद्धांत के बारे में कहा कि आदेश की एकता सिद्धांत की अवेहलना केवल दण्ड के न होने पर ही की जा सकती है।

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